Thursday, December 13, 2012

सही ताले की ग़लत चाबी


अमीर जमींदार के घर में मुल्ला लंबे समय से काम कर रहा था. 11 वर्षों तक निरंतर काम करने के बाद एक दिन मुल्ला जमींदार से बोला – “अब मैं भर पाया. मैं अब यहाँ काम नहीं करूंगा. मैं यहाँ काम करके बोर हो गया. मैं काम छोड़कर जाना चाहता हूँ. वैसे भी आप मुझ पर भरोसा ही नहीं करते!”
जमींदार को झटका लगा. बोला – “भरोसा नहीं करते? क्या कह रहे हो मुल्ला! मैं तुम्हें पिछले 11 वर्षों से अपने छोटे भाई सा सम्मान दे रहा हूँ. और घर की चाबियाँ यहीं टेबल पर तुम्हारे सामने पड़ी रहती हैं और तुम कहते हो कि मैं तुम पर भरोसा नहीं करता!”
“भरोसे की बात तो छोड़ ही दो,” मुल्ला ने आगे कहा – “इनमें से कोई भी चाबी तिजोरी में नहीं लगती.”

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