Friday, November 14, 2014

लोकोक्तियाँ

1. सांगानेर को सांगो बाबो,   जैपर का हनमान
    आमेर की शीला देवी, लाइयो राजा मान

2. मात-पिता पीछ पूत, जात पीछ घोड़ो
    ना जाने तो थोड़ो थोड़ो

3.हींग न हळद, खा रे बलद

4. अड्डो ढड्डो, डोकरी के सर पड़ो...

5.घी सरावे खिचड़ी नाम बहु को होव

6. मन न मांगे,मुंड हिलावे

7. कुल्हाड़ी से कपडा धोवे, ठाकुर जी सहाय करजो

8. धूम धडाको सहनो, ई गांव में ही रहणो

9. हलडे, बलडे आवला घी शक्कर से खाये
    हाथी दबाये काख में, सौ कौस चल्यो जाए

10. पहली मंख्या महे ही आया, पाछे बड़ो भाई
      लौट पलेटा बाबो खाया, पाछे माहरी माई

11. आके माके आवन जावन, सीर करा छा खेती
       आकी सासु मारी सासु, लागे मां र बेटी

12. सासु की मैं सासु लागू, सुरसा की मैं माता
       सगा खसम की काई लागू, इको अर्थ बता जा

13. जाट जवाई भांजों, रेबारी सुनार
       कदे न होवे आपणो, कर देखो व्यवहार

14. पाद र हसे, बिको घर कदे ना बसे

15. झर झर झामरिया, तोड़या बैठ्या नाग
       बीच बैठा गाडरिया, सारा में सरदार

16.






 



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